(HAPPINESS)ख़ुशियाँ : बदलता अर्थ
खुशियाँ, आज की सदी मे जिसका मतलब ही बदल गया। सभी की खुशियों की अपनी अलग अलग भाषा है। जिसके पास जितनी सुविधाएं है वो उतना ही खुश है पर आज की दौड़ भाग वाली ज़िन्दगी मे सभी लोग ज़ीना भुल गए है। सिर्फ एक दूसरे से आगे निकलने की चाह ने सभी दोस्तों को ,एक साथ मिलकर मनाये जाने वाले त्योहारों को ,अपने परिवार और बच्चों के साथ छुटियाँ मनाने को ,माँ -बाप के साथ थोड़ा सा भी वक़्त बिताने को और यहाँ तक खुद के लिए भी वक़्त ना होने जैसे परिवर्तन कर दिए है।
सभी लोग हँसना जैसे भुल ही गए है।
सभी की ज़िन्दगी मे जैसे एक अधूरापन है। क्यूंकि किसी के भी पास भी ंखुलकर मुस्कुराने का वक़्त नहीं हैं।
कोई परेशान है की वो अपनी और अपने परिवार की जरुरतो को पूरा नहीं कर पा रहा ,अपने सपनों को उड़ान नहीं दे पा रहा।
क्यूँकि पैसा आपके लिए खुशियाँ नहीं खरीद सकता लेकिन वो दुःख को कुछ सुखद रूप में अनुभव करा सकता है.
वही कोई इसलिए परेशान है की उसके पास सब होने के बाद भी परिवार के लिए ज़रा सा भी वक़्त नहीं है। मानो ऐसा लगता है जैसे की सभी यहाँ कोई परीक्षा की तैयारी मे लगे हुए है जिसके कारण उनके पास औरो के लिए वक़्त नहीं है। मिलना जुलना तो बहुत दूर खैर खबर तक पुछने का वक़्त नहीं है। आजकल के वक़्त मे लोग मैसेजेस में ही हाल -चाल पूछ लेते है।
कुछ लोग इतने मतलबी होते है की जब उन्हें सामने वाले से कोई काम याद आता है वो वो तभी महफ़िल मे आते है। समझ नही आता ऐसा करने वाले लोग कहा से वक्त निकाल लेते है।
सही मायने मे ये दुनिया अब मतलबी लोगों से भर गयी है। मतलब के साथ ही वक्त निकलता है दूसरे से मिलने का,वर्ना ज़माना निकल जाता है याद करने मे भी.
एक समय था जब त्योहारों की अलग़ ही धूम होती थी , महीनों पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती थी, क्यूंकि तब त्योहारों को ,परिवार के साथ को महत्त्व दिया जाता था, एक ये वक़्त जहां त्यौहार सिर्फ़ एक फॉर्मेलिटी रह गए है। क्योंकि सबकी सोच बदल गयी है।
'याद रखिये ख़ुशी इस बात पर निर्भर नहीं करती कि आप कौन हैं या आपके पास क्या है ; ये पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करती है कि आप क्या सोचते हैं. प्रसन्नता हम पर ही निर्भर करती है। यदि आपकी ख़ुशी इस बात पर निर्भर करती है कि कोई और क्या करता है तो मेरा मानना है की आपको कोई समस्या है। जो चाहा वो मिल जाना सफलता है वैसे ही जो मिला उसको चाहना भी प्रसन्नता है..
जब महत्त्वाकांक्षाएं ख़त्म होती हैं , तब ख़ुशी शुरू होती है।
जब ये बात सब समझ जायेंगे तब वो ज़ीना सीख़ जायेंगे। खुशियों का असली मतलब भी समझ जायंगे।
जब ये बात सब समझ जायेंगे तब वो ज़ीना सीख़ जायेंगे। खुशियों का असली मतलब भी समझ जायंगे।
very nice
जवाब देंहटाएंvery nice.........Mrs sareen
जवाब देंहटाएंthanx a lot harpal ji
हटाएंNice
जवाब देंहटाएंthanx a lot dear
हटाएंNice and so true...😊😊
जवाब देंहटाएंthanx a lot dear
हटाएंthanx a lot dear
हटाएंSatya vachan ...a truly inspiring message
जवाब देंहटाएंthanx a lot ji
हटाएंthanx a lot ji
हटाएंIt's really nice message for us.
जवाब देंहटाएंIt's really nice message for us.
जवाब देंहटाएंthanx dear
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